संतोष श्रीवास्तव की डायरी
संतोष जी की ‘जहानाबाद-अरवल डायरी’ जहानाबाद शहर का पर्याय है. वे अपने
माता-पिता कि स्मृति में इस डायरी को प्रकाशित करते है.
जब मै पहली बार इस शहर
में आया तो मैं इस डायरी कि मदद से कुछ ही मिनटों में शहर के बारे में काफी कुछ जान गया . इसमें
जहनाबाद का सक्षिप्त परिचय है. स्वतंत्रता-पूर्व, उसके बाद तथा वर्तमान युग में
निकलने वाली पत्र-पत्रिकाओं कि सम्पूर्ण सूचि है. वर्तमान साहित्यिक संस्थओं का
संक्षिप्त विवरण है. प्रारम्भ से लेकर अब तक के विधायक-सांसद , नगर-परिषद
जिला-परिषद अध्यक्ष , डी० एम० ,एस० पी० , डी० जे०
की सूचि है.
इस डायरी में जिले के सभी
क्षेत्रों से जुड़े लोगों को अलग-अलग सूचीबद्ध कर उनका सम्पर्क नम्बर दिया गया है.
जैसे डॉक्टर, साहित्यकार, कलाकार, धर्माचार्य, इमाम, अधिवक्ता, व्यवसाकर्मचारीयिक,
मिस्त्री, टेंट-हाउस सरकारी पदाधिकारी-कर्मचारी, मुखिया, अख़बार, पत्रकार ,
अस्पताल, गैस-एजेंसी’ पत्रकार इत्यादि. यह इस शहर के बुद्धिजीिवयों का पीला-पन्ना है.
यह डायरी इस शहर में रहने वालों
की आवश्यकता है, प्राय सभी प्रबुद्धजनों के पास यह हैं. श्री श्रीवास्तव ने इसका
कोई मूल्य नहीं रखा है, अपने खर्चे पर प्रकाशित कराकर लोगों में बांटते है.
भविष्य में जब कभी
क्षेत्रिय इतिहास लिखने कि परम्परा विकसित होती है तो यह डायरी जहानाबाद के संदर्भ
में महत्वपूर्ण स्त्रोत- सामग्री होगी. मैं बिहार झारखण्ड के आठ-दस शहरों में रह
चुका हूँ पर यह परम्परा मैंने कंही नहीं देखी है. वह भी व्यक्तिगत प्रयास से. इस
६’ गुणे ४’ गुणे १/२’ इंच की डायरी मे पूरा अरवल जहानाबाद सिमटा है.
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