बुधवार, 18 जुलाई 2018

पटना डायरी -३ :रवि संगम एक जुझारू व्यक्तित्व (patna diary -3: ravi sangam)

रवि संगम से मेरी मुलाकात सन 2007 में हुई थी . उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत एक पत्रकार के रूप में किया था 'आज ' (धनबाद) , 'प्रभात खबर ' (रांची), 'जनशक्ति'( पटना), 'नवभारत टाइम्स ' (पटना )में चीफ सब एडिटर एवं सब एडिटर से सफर तय करते हुए साप्ताहिक पत्रिका 'ब्रेस्ट समता टाइम्स' 'समाचार धारा ' इत्यादि पत्रों से  सन् 1989 से 1997 तक जुड़े रहे. वर्ष 1998 में इन्होंने बिहार के शिक्षा ,पर्यटन, कौशल विकास, उद्योग और कृषि उत्पादों से जुड़े सूचनाओं का  डेटाबेस तैयार करने की  कार्य योजना बनायी , जिससे बिहार के आर्थिक विकास को गति मिल सके . उदेश्य  था सही सूचना को सुगमता से सही व्यक्ति तक पहुंचाना ,इसे वे विजन 2020 कहते हैं  सन् 1998 से 2000 तक शोध एवं प्रकाशन की तकनीकों का अध्ययन किया. शिक्षा के क्षेत्र में काम करते हुए बिहार का पहला एजुकेशनल डायरेक्टरी वर्ष  2003 में प्रकाशित किया जिसे लोगों ने हाथों हाथ लिया, इसके बाद बिहार में पर्यटन की संभावनाओं पर शोध कार्य प्रारंभ किया इस क्षेत्र में काम करने के लिए अपनी एक कंपनी का गठन किया इसका नाम संगम मास कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड है.
बौद्ध सर्किट बिहार तैयार करने के लिए इन्होंने कई वर्षों तक शोध एवं अध्ययन किया, परिणामस्वरूप  कुछ ऐसे नए स्थान सामने आए जो अब तक बिहार के पर्यटन नक्शे पर नहीं थे . इन स्थानों की फोटोग्राफी बिहार के विभिन्न जिलों में जाकर 1 वर्ष तक की गई, प्रतिकूल मौसम की परिस्थितियों में भी काम जारी रखा, 3 डिग्री से 48 डिग्री तक तापमान की परवाह किए बगैर फोटोग्राफी का कार्य चलता  रहा. 100 से अधिक भगवान बुद्ध से जुड़े स्थलों को चिन्हित किया गया इसमें उपेक्षित एवं पूर्व से अज्ञात स्थलों को भी शामिल किया  गया. यह लगभग 300 पृष्ठों का होगा वर्ष 2007 से यह तैयार है. इसको परिष्कृत करने के लिए अब तक रवि संगम इसे चार बार संपादित कर चुके हैं, परंतु अर्थाभाव के कारण इसका प्रकाशन नहीं हो पाया है . इस बीच कुछ चतुर किस्म के लोगों ने इनका इंप्लाई बनकर सामग्रियां चुराकर छाप दी. चोरी तब पकड़ी गई जब डमी प्रति का आंकड़ा को हु-ब-हू  छाप दिया,. जो रवि संगम ने जानबूझकर डमी प्रति में गलत अंकित किया था .
          हिंदुस्तान मीडिया के साथ मिलकर गया ,बक्सर, नवादा ,बिहार शरीफ आदि जिलों की पर्यटन निर्देशिका छापी






इससे पहले वैशाली जिले की इंफॉर्मेशन डायरेक्टरी महावीर मंदिर प्रकाशन के तत्वाधान में छपी जिसे लोगों ने हाथों-हाथ लिया 2000 प्रतियां एक माह से भी कम समय में समाप्त हो गई
बिहार का पहला इंफॉर्मेशन डायरेक्टरी संगम मास कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड की ओर से प्रकाशित हुआ इसमें बौद्ध जैन सूफी वन्य जीवन प्राकृतिक सौंदर्य ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक स्थलों पर दर्ज है इसके बाद महावीर मंदिर प्रकाशन के तत्वाधान में बिहार के हिंदू धर्म से जुड़े सभी स्थानों का हिंदू सर्किट इंफॉर्मेशन डायरेक्टरी प्रकाशित की गई यह भी बिहार में पहली बार हुआ
बिहार के बौद्ध स्थलों पर केंद्रित वेबसाइट  budhistcircuitebihar.com को वर्ष 2006 में लॉन्च किया गया, इस विषय पर यह सबसे ज्यादा देखा जाने वाला वेबसाइट है.
बिहार के 7 जिले गया, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, जहानाबाद ,नालंदा ,पटना एवं वैशाली के बौद्ध  स्थलों का विवरण दर्ज है . वर्ष 2017 में 350वे  प्रकाश पर्व के अवसर पर टूरिस्ट  डायरेक्टरी सिख  सर्किट बिहार का प्रकाशन किया
,उन्हें उम्मीद थी कि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी एवं पर्यटन विभाग कुछ हजार प्रतियां खरीद लेगा पर ऐसा न हो सका. इन सब के अतिरिक्त बिहार से जुड़े सभी डाक टिकटों का एक संकलन भी प्रकाशित किया है .
शोध कार्यों में श्री रवि संगम जीवन की कुल जमा पूंजी लगा चुके हैं. इधर कुछ दिन पहले मिला तो पाया रामायण सर्किट पर गंभीरता से काम करे रहे है. इन्हीं कारणों से  विवाह नहीं किया.
आंखों में मोतियाबिंद उतर आया है.पांच प्रतिशत  विजिबिलिटी बची है. दिन में भी अकेले सड़क पार करने में कठिनाई है , मित्र छूटते जा रहे हैं ,लोगों से मिलना जुलना कम हो गया है .अपने कमरे में वृद्ध बीमार मां ,कुछ पुरानी किताबें, अपनी रचनाओं ,अखबार की कतरन, और पुराने फोटोग्राफ के बीच कुछ ढूंढते हुए आज भी आपको मिल जाएंगे.