सोमवार, 28 अक्तूबर 2019

किताब-ए-बिहार(बिहार से जुड़ी किताबों की महफिल)-2

 शशिकांत मिश्र का उपन्यास "नान रेजिडेंट बिहारी " वर्ष 2015 में प्रकाशित हुआ. कथानक कटिहार से प्रारम्भ होकर दिल्ली मुखर्जी नगर तक फैला है.
साथ में एक प्रेम कहानी  भी चलती है कटिहार और दिल्ली के बीच. संभवतः बिहार, मुखर्जी नगर, और यू0 पी0 एस0 सी0 की तैयारी को केन्द्र मे रखकर लिखा गया हिन्दी का पहला उपन्यास है , जो वर्ष 2015 मे ही प्रकाशित उपन्यास निलोत्पल के "डार्क हार्स" मे विस्तार पाता है. कथाक्रम मे बिखराव दिखता है, जो न चाहते हुए भी बताता है की यह लेखक का पहला उपन्यास है. शुरुआत ही एक बच्चे के जन्म के  प्रसंग से होता है. यह नाटकियता का चरम और लेखक के अपरिपक्वता का परिचायक है. यदि उपन्यास के इन प्रारंभिक दो पन्नों को हटा दिया जाता तो यह और दमदार होता. उपन्यास का काल विस्तार  यू0 पी0 एस0 सी0 के चार अटैम्प्ट तक फैला है.  पुरे उपन्यास पर प्रेमकथा हावी है, तमाम संघर्ष को नेपथ्य मे धकेलते हुये.

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