गुरुवार, 23 अप्रैल 2020

राजगीर डायरी 3

गतांक से आगे........                                                                                                                                                                 

हिंदी के कई नामचीन कवि अपना कविता-पाठ कर चुके थे, और कुछ कर रहे थे. फिल्मकार अमृत जी इस ऐतिहासिक आयोजन का  ड्रोन कैमरा से फिल्मांकन कर रहे हैं. नालंदा के साहित्यकारों ने ऐतिहासिक विरासतओं के संरक्षण के प्रति जागरूकता के उद्देश्य से वर्ष 2016-17 में विरासत यात्रा प्रारंभ किया. जिसकी पहली कड़ी के रूप में बिहारशरीफ पहाड़ी पर "साहित्य बसंत उत्सव" की शुरुआत हुई. दूसरी कड़ी वनावर  पर्वत (जिला-जहानाबाद ) पर स्थित ऐतिहासिक गुफाओं के पास एक कवि-सम्मेलन  का आयोजन कर हुआ .



तीसरी कड़ी का आयोजन राजगीर के प्राचीन घेराबंदी की दीवार (cyclopean wall)  पर हुआ .यह आयोजन साहित्यकारों के विरासत यात्रा की  चौथी कड़ी  है.



इस आयोजन को आयोजकों ने "पहाड़ पर दहाड़" नाम दिया है यद्यपि इस नाम में साहित्य की सौम्यता  नहीं झलकती पर यह एक अच्छा आयोजन है . 
                                                                  (क्रमशः .........)

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