शुक्रवार, 19 नवंबर 2021

पटना डायरी-6 (पटना काउंसिल का गठन)

1765 में दीवानी अधिकार मिलने के बाद ईस्ट इंडिया कंपनी क्षेत्रिय राजनीतिक प्राधिकार हो गई । परंतु सशक्त सर्वोच्च प्राधिकार के अभाव में बिहार के दूरस्थ क्षेत्रों में इसका प्रवेश मुश्किल था , राजस्व संग्रहण के लिए इन्हें स्थानीय प्रभावशाली जमींदारों के विरोध और विद्रोह का सामना करना पड़ता था। पटना फैक्ट्री के चीफ को रेवेन्यू कलेक्टर की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई यह एक व्यापारी के शासक बनने का प्रस्थान बिंदु था। उन्हें सहयोग के लिए दो पुराने दीवान सीताब राय और धीरज नारायण सिंह को दिया गया इन तीनों को मिलाकर पटना काउंसिल बनी जो ईस्ट इंडिया कंपनी और परंपरागत राजस्व संग्रहकर्ता अधिकारियों की बीच की कड़ी थी। पटना काउंसिल आधुनिक प्रशासन में गठित होने वाली सबसे पहली क्षेत्रिय इकाई थी जिसे आज हम पटना कमिश्नरी के रूप में देख सकते हैं।

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