मंगलवार, 21 मई 2019

पूर्णिया डायरी-15 (महामारी में जादू-टोना )

पूर्णिया डायरी-14 से आगे....
पूर्णिया  1887 ईस्वी 
डा० सांडर्स को दफ़न करके पूर्णिया लौटने पर फोर्ब्स के कानों में हिन्दुओं का शवयात्रा मन्त्र " राम-राम सीताराम" और मुसलमानों का "अल्लाह इल्ला अल्लाह" गूंजता रहा. श्मशान और कब्रिस्तान में लाशों के जाने का सिलसिला देर रात तक चलता रहा.इस बीच फोर्ब्स को न जाने कब नींद आ गई.
              . हैजा महामारी का रूप ले चूका था, पर पूर्णिया में कोई डाक्टर नहीं था. कमिश्नर  जिले में दूसरे सिविल सर्जन के पदस्थापन के लिए टेलीग्राम भेज चुके थे.उसने फोर्ब्स से अनुरोध किया कि जबतक कलकत्ता से कोई दूसरा डॉक्टर नहीं  आ जाता वे सिविल-सर्जन के दायित्वों का निर्वहन करें. आगे के दिनों में आनेवाली कठिनाईयों को समझते हुए भी फोर्ब्स ने इस चुनौती को स्वीकार कर रोगियों का इलाज प्रारंभ कर दिया.
                                            नील की फैक्ट्री , खलिहान, या कोई एसा भवन जिसे इस विपदा की घड़ी में अस्पताल बनया  जा सकता था,  बना दिया गया .  " नेटिव" हिन्दुओं में सबसे निम्न जाति के लोग ही यूरोपीय इलाज और दवा का लाभ उठा सके. हिन्दुओं के किसी उच्च जाति के रोगी का इलाज के लिए यंहा आना असंभव था. वे यदि इस महामारी से पीड़ित होते तो एक ब्राह्मण ओझा को उनके पास भेजा जाता. वह जादू-टोना-टोटका करता . पीड़ित व्यक्ति की स्थिती में कोई सुधार नहीं होता तो फिर  वे सभी कर्म-कांड कराये जाते जो मोक्ष के लिए आवश्यक है. उसके बाद मनहूस रोगी को मरने के लिया छोड़ दिया जाता था. मान लिया जाता की उसे मोक्ष प्राप्त होगा.
                              मुसलमानों के मामले में बात थोड़ी अलग थी. कुछ मुसलमान बीमार पड़ते तो अस्पताल आते. दवा दिए जाने पर वह इसे समीप के मस्जिद के मुल्ला के पास ले जाते. मुल्ला उसकी जाँच-परख कर  यह तय करता की दवा रोगी के लिए उपुक्त है या नहीं. यदि वह इसे सही पाता तो कागज के एक टुकड़े पर कुरान की एक आयत लिख दवा के बोतल की गर्दन में बांध देता , जो दवा की क्षमता को और बढ़ा देता .दूसरी ओर यदि मुल्ला दवा को सही नहीं बताता तो लोग उसे फेंक देते और उन फिरंगियों को कोसते हुये घर लौटते जिसने गलत दवा दी थी.
                                                   
                                                                           क्रमशः .....
    

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