रविवार, 10 मई 2015

जहानाबाद डायरी ( jehanabad/jahanabad dayri)

जहानाबाद के मखदुमपुर प्रखंड से धरौअत  की ओर जाने वाली सड़क पर है, 'वाणी-वितान' . प्रो० हंस का निवास. गोपालगंज के कॉलेज से अवकाशप्राप्ति के बाद वे इसी जगह लौट आये. मगही व्याकरण पर प्रमाणिक ग्रन्थ के अलावा दर्जनों पुस्तकों की रचना उन्होंने की. जहानाबाद का जनसामान्य उन्हें नहीं जनता. भला हो संतोष श्रीवास्तव का जिनकी जहानाबाद डायरी से उनके बारे में सूचना मिली और मै लगभग छह माह पहले उनसे मिला. 

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