गुरुवार, 9 अगस्त 2018

विरासत डायरी-1(heritage dyari-1 / state archives bihar/ राज्य अभिलेखागार बिहार )

प्रसिद्ध इतिहासकार डा0 कालिकिंकर दत्त कि नजर जब बिहार के विभिन्न जिला अभिलेखागार में पड़े 18वीं एवम् 19वीं सदी के महत्वपूर्ण दस्तावेजों पर पड़ी तो उन्होंने सरकार के समक्ष एक प्रस्ताव रखा. जो इन अभिलेखों को राज्य मुख्यालय में मंगाकर संरक्षित करने के संबंध में था. सरकार ने इस प्रस्ताव को सहर्ष स्वीकार कर लिया. जिला से अभिलेख के चयन की अहम जबाबदेही दत्त साहब को सौपी गयी .जब ये अभिलेख यंहा आ गये तो डा० दत्त को बिहार राज्य अभिलेखागार का संस्थापक निदेशक बना दिया गया . उन्ही की  दूरदृष्टि और परिश्रम का परिणाम बिहार का राज्य अभिलेखगार है।   
   
यहां ब्रिटिश काल के प्रारंभिक इतिहास के महत्वपूर्ण स्त्रोत सामग्री सुरक्षित है.कालांतर मे अभिलेखागार द्वारा कई महत्वपूर्ण पुस्तकों का भी प्रकाशन किया गया है.
पूर्णिया जिले के 18वीं सदी के कुछ दस्तावेजों की तलाश में आज मै वहाँ गया था।पूर्णिया  का सबसे पुराना अभिलेख वंहा वर्ष १७७५ का है. लगभग २५० वर्ष पुराना.

1 टिप्पणी:

  1. कथा बहुत पुरानि नहि हैं जब गेहूँ मेरे गाँव में होता न था और धान के प्रजाति के चावल मुगल,अंग्रेज,अशोक, बुद्धा, राम, कृष्ण आदि के निच सुर विरो को रास नहि आता था और उसि में अकाल में दंगाईओ को नाम से भु-सरवेक्षण मुगल, अंग्ररेज, हिंदु, जो कुत्ते संग अपने माँ, बहन, बहु, बेटि शारिरीत तृष्णा के आदितो ने व्यपारि खेल से अतिक्रमण कर अपने सगि बहन भारत माता के सुरक्षा के अधिन कर आज भी वचन पालन कर जग के जय हींद जय भारत, विजइ विश्व तिरंगा के घोष कर मानव सभयता में चार चाद लगाये रहति हैं. यह सारण के मकेर थाना के हैजलपुर के प्रमा सीहं का हैं. ये तो साक्ष था कि विश्व हींदु विहिन जग हैं परंतु ये पिल्लीया के बच्चे कब तक मेरा और मेरे कुत्ते का शोषण करेगे. आप मुगल व अंग्रेज के कर्य काल मेरे सर्वेक्षण हिन जमिन संग सर्वे जमिन ढुढ दे. मुझे मुगल व अंग्रेज के वचनबद्धा गर्जना ध्यान हैं परंतु आतंकि सरकार ने साक्ष में हेराफेरि कर अपने रंडि के बच्चे होने का प्रमाण अभि तक प्रस्तुत कर रहे जो एक घोर अयोग्य प्रशासन आतंकि सरकार के घोषणा करते हैं. शिवत्व चापुलिसी, मख्खन लगाना अयोग्य का नींदा न करना आदि विचार अभिव्यक्ति का धोर नींदा इसा,मुसा,भारत माता स्व अभिलेख प्रस्तुत कि हैं.हो सकता हैं आपके खोज बिन मेरा जमिन वापस दिला दे अँयथा सैदव कि तर अतिक्रमण को कित्ति मे आत्मा प्राण प्रतिष्ठा करा कर पुजन कराति रहेगि.जय हिंद, जय जवान, जय पाक, विश्व का कलयाण हों.

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